माया मोह और अध्यात्म : सावन

 अध्यात्म के रास्ते में हमेशा ही माया और मोह दोनो ही रोड़ा रहे है, इसीलिए इतिहास में बहुत ही कम तपस्वी, संत और महान राजाओं का जिक्र रहा है बाकी कुछ लोगो का इतिहास दब गया, और कुछ अध्यात्म के रास्ते से भटक गए।

अध्यात्म का रास्ता इतना आसान नहीं जितना मिलेनीअल (1981-1996) और जेन जेड (1997-2012) वाले नए नए पीढ़ी वालो को लगता है। 144 साल बाद महा कुम्भ लगा इन दोनो पीढ़ियों ने जितनी ही शिद्दत से अध्यात्म का रास्ता चुना वैसे ही एक भूरी आंखो वाली लड़की के चक्कर के उस रास्ते से भटक भी गए।
आए दिन कुछ न कुछ ऐसे ढोंगी आध्यात्मिक ढोंगी क्रिएटरो का पोस्ट दिख जाता है जो गए तो थे महा कुम्भ का दर्शन करने जो नहीं जा बेसहारा लोग नहीं जा सकते उनको अपनी पोस्ट के माध्यम से वहां का नजारा दिखाने पर माया का चक्कर बाबू भाई उलझ गए माया ने और उस लड़की की वीडियो, को पोस्ट कर के लाखो की लाइक बटोर रहे है और वो लाइक शेयर करने वाले कोई और नहीं यहीं मिलेनीअल और जेन जेड वाले ही है।
वो लडकी आजीविका के लिए आई थी और आजीविका तो दूर की बात बोहनी तक उसे नसीब नही हो रहा था, आखिरकार वो वापस चली गई घर ये भी कही किसी पोस्ट से ही मैने पढ़ा।

आसान नहीं है अध्यात्म का रास्ता अगर ये लगता है आसान तो आप अंधेरे में जी रहे है या फिर ढोंग कर रहे है।
खैर ये पोस्ट बहुतों को लगेगा इसलिए माफ़ी पहले चाहूंगा पर बात धर्म की है, अध्यात्म की है तो अंगुली उठाना, प्रश्न करना ज़रूरी है धर्म के उत्थान के लिए।

हर हर महादेव 🙏🏻

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