मणिकर्णिका घाट पे जीने की इच्छा कब वैराग्य में बदल जाती है पता ही नही चलता! लेखक:Verma RaviPosted at05 फ़रवरी “अस्सी घाट पे जो जीने की अभिलाषा जागृत हुई थी, वो मणिकर्णिका घाट पे वैराग्य में बदल गई।” ~ रवि | Twitterतस्वीर : विकिपीडिया टिप्पणियाँ
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