सुखद शून्य जो कभी अंको के बड़े आकड़ो पर भारी पड़ता है। फ़िके पड़े चेहरे पर मुस्कान का शून्य... @yoursavan | @RSarvanand
जब देश कोरोना के आकड़ो से जूझ रहा है उस बीच हम उस शून्य का इंतजार कर रहे है जो कभी हमारे लिए उदासी का पाठ होता था। लेकिन आज वही शून्य मुरझाये चेहरे पे मुस्कान की उम्मीद है।
जीवन भर हम पॉजिटिविटी ढूँढते रहे लेकिन आज जो सकूँ नेगेटिविटी में है वो कहीं न था।
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