हालात ए जिंदगी : सावन
तीन दिन खाना खाए हो गए, और बीपी को तो पूछिए ही नही, 150 तक चला जा रहा, डॉक्टर को लग रहा मैं नमक की बोरी खा रहा हूं उन्हें कैसे समझाऊं की खाना ही खाए 3 दिन हो गए, जिंदगी बस चल रही है, किसी को एहसास कराना है की प्यार है मुझे तो मुझे या तो मरना होगा या फिर सबूत देना होगा, दे रहा हू अग्नि परीक्षा शायद उनके घर वाले मुझे मार दे तो यकीन हो या फिर ब्रेन हेमरेज हो तब यकीन हो पर दिलाऊंगा जरूर, वैसे ये मेरा ज़िद नहीं है ये है अपनी इज्जत बचाने की कवायद, उस घर की इज्जत को अपने घर की इज्जत बनाने की कवायद, उनके परिवार वालो को मेरे को चोट से के यकीन होगा तो शायद अब मेरे पास वही एक रास्ता है,
पिछले कुछ दिन से 2 या 3 घंटे की नींद के साथ इतनी सारी बातें दिमाग में घूम रही है को डॉक्टर ने भी कल सलाह दिया की सोचना बंद कर दो अभी तुम्हारी उम्र क्या हुई, और नमक खाना बंद कर दो और आज जो फिर से बीपी जांचा तो जिले के हॉस्पिटल पे दिखाने का सलाह दे दिया।
जिंदगी में इतनी ही शिद्दत से कुछ चाहो की या तो वो मिले या फिर बर्बाद हो जाओ जैसे की मैने किया है एयर फोर्स जॉब ना मिला तो मैने आज तक किसी और के लिए एप्लाई किया ही नहीं और किया तो कुछ ऐसा जो मेरे बस की बात थी ही नहीं, अब बात फिर से मेरे प्यार पे अटक गई है अब या तो बर्बाद हो जाऊंगा या फिर आबाद देखते है कहा ले के जा रही है किस्मत, इज्जत से बड़ी है जिंदगी मेरी या इज़्ज़त ये तो अब फ़ैसला मेरे रहबर करेंगे।
सावन
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