हालत ए इश्क : सावन
ज़िंदगी पता न किस मोड़ पे ला खड़ी की है, जिसको समझाना हमने आसान समझ रखा था, वही नही समझ पा रहे है, और जिसको समझाने के बारे में सोचा नही था की वो कैसे समझेंगे वो आसानी से समझ लिए है।
मैं बात कर रहा अपने परिवार की मैने कभी नहीं सोचा था की वो लोग मेरे प्रेम को समझेंगे, पर उन्होने समझा मेरे उम्मीद के विपरित लेकिन मैने और मेरी लपकझुन्ना ने इस बात से उम्मीद किया था की उनके पापा मम्मी समझ जायेंगे हमारा प्रेम, मैं ब्राह्मण कास्ट से आता हूं, उनके ही समकक्ष टाइटल है मेरा, उनके माता पिता नई पीढ़ी के है, लपकझुन्ना उनकी दुलारी है पर यहां भी उम्मीद के विपरित ही सब हुआ उन्होंने ही सिरे से नकार दिया, उनका प्यार, उनकी बेटी की खुशी कोई मायने नहीं रखता, चलो मान लेता की उनके घर की बात है उनको अपना ब्लड लाइन शुद्ध रखना है तो उनकी मर्जी मान लेता पर बात मेरी ब्लड लाइन की है न मैं ला रहा हूं अपने प्रेम को अपने घर, फर्क नहीं पड़ता मुझे अपने ब्लड लाइन से, समाज से, जाति से, मुझे फर्क पड़ता है, अपने पसंदीदा स्त्री के खुशी या गम से, मुझे फर्क पड़ता है लंबी जिंदगी को खुशहाल और जो मुझे समझती हो ऐसे के साथ पूरी जिंदगी बिताने से।
आधुनिक जमाने में कौन लड़का या लड़की प्रेम के बगैर होगा सबका अपना एक गुनाह है, सब के अपने एक राज है, कम से कम हम इस राज को अपना तो रहे है, अपनी खुशी के साथ जीने की कोशिश तो कर रहे है न, जिस लड़के से शादी करेंगे वो लोग, क्या पता वो अपना प्यार शादी बाद भी ना छोड़े, भले ही घर के प्रेशर में शादी कर ले और हमारा प्यार बिखेर के, हमे तोड़ के जुदा कर के किसी और के घर अपनी बेटी का व्याह कर देंगे वो लोग तो क्या उनकी बेटी खुश रह लेगी मैं पहला प्यार हूं उसका और वो मुझे कभी नही भूल पाएगी, जिंदगी बस 3 लोगो के बीच घूमती रहेगी, मैंने कसम खा रखी है की मैं उसके अलावा किसी से शादी नहीं करूंगा तो मैं तो जीवन भर इंतज़ार में गुजार दूंगा पर जिंदगी पूरी मेरी गई, उस लड़के की जाएगी, और लपकझुन्ना की।
खैर उनके घर वाले मान जाते तो ज़िंदगी आसान हो जाती उनके बच्चो की पर देखते है उनको क्या प्यारी है उनकी इज्जत जो की मैं किसी भी तरह उसपे आंच नहीं आने दूंगा या फिर अपने बच्चो की खुशी जिसके लिए उन्होने अपना घर बसाया, जिंदगी जी, रोजगार किया उन्ही बच्चो के लिए या तो वो या फिर जाति, इज़्ज़त 😭😭😭😭
सावन
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