सामाजिकता और व्यक्तिगतता में भेद : सावन
मैं कभी भी अपने फैसले में समाज को समल्लित नही करता, समाज का नजरिया ही दोगला रहा है, मध्यम वर्ग के लिए उसकी कुछ अलग मानसिकता, छोटे वर्ग के लिए सबसे घटिया मानसिकता, और उच्च वर्ग कुछ भी करें समाज उसके लिए हमेशा ही अपनी नजरिया दूध का धुला रखता है, और समाज आप से हमेशा ज्यादा की उम्मीद करता है आप अपना कितना भी सहयोग कर दे समाज को खुश रखने के लिए वो फिर भी शिकायतों के बीच ज्यादा की उम्मीद करेगा ये समाज, इसीलिए मैं बस अपनी फैमली और कुछ मित्रो के बीच ही अपनी खुशियां और दुःख दोनो ही बांट लेता हूं, मुझे पता है मैं समाज के कसौटी पे खरा उतरने की कोशिश करूंगा तो अपनी ही इज़्ज़त को शर्मशार कर लूंगा क्योंकि मैं बातों को दिल पे ले लेता हू, और समाज लांछन लगाने में माहिर तो है ही।
तो अपने आप को परिवार और मित्र के बीच रखिए समाज को कोई मौका ना दे अपने बीच हस्तक्षेप करने का आप खुशहाल रहेंगे और इज्ज़तदार भी।
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