Poetry : कुछ तो बात है यहां, जो सबसे ख़ास है यहां, यूहीं नहीं ये शहरों में श्रेष्ठ है
कुछ तो बात है यहां,
जो सबसे ख़ास है यहां,
यूहीं नहीं ये शहरों में श्रेष्ठ है,
कुछ है,
जो जीवन और मरण दोनों ही इतने पास हैं यहां,
तो चलो सुनते हैं,
जानते हैं,
कि कौन सा है ये शहर,
जहां हर हर महादेव ही है तीनों प्रहर,
सुबह जहां हसीन, शामें रंगीन है,
सुनते हैं उस शहर की कहानी,
उसी की जुबानी,
जहां हर मौसम खुद में आफ़रीन है।
" मैं अनगिनत मंदिरों का वास हूं,
महादेव के अक्खड़पन का अहसास हूं,
गंगा का निर्मल पानी हूं,
शंखों के उद्घोष की वाणी हूं,
हूं अस्सी घाट की भीड़ मैं,
दशाश्वमेध की आरती सा संस्कारी हूं,
हूं पान की वो मिठास मैं,
हूं सुबह सुबह चाय की अड़ि पे
लगने वाली वो अट्टहास मैं,
बाबा कालभैरव सा मैं अविनाशी हूं,
मैं बनारस हूं, मैं काशी हूं।
हूं वरुना- अस्सी का मेल मैं,
हूं गिल्ली डंडे का खेल मैं,
मैं गलियों का तांता हूं,
बचपन में दूरदर्शन पे आती
वो रहस्यमई चंद्रकांता हूं,
मैं सफ़र की शुरुआत हूं,
हूं सफ़र का अंत भी,
नादान हूं मैं बालक सा,
हूं मैं ज्ञानी महंत भी,
मैं महादेव का चिलम हूं,
राबी चेनाब झेलम हूं,
सिगरा रथयात्रा का जाम हूं,
टक्साल सा सिनेमा हॉल हूं,
मैं हिन्दू धर्म का वरदान हूं,
खुद में समेटे पूरा हिन्दुस्तान हूं,
विश्वनाथ मन्दिर की वो अद्वितीय नक्काशी हूं,
मैं बनारस हूं, मैं काशी हूं।
मैं महामना की देन हूं,
गंगा किनारे मिलता है जो,
वो असीम चैन हूं,
BHU सा ज्ञानी हूं,
UP कॉलेज सा अभिमानी हूं,
बिग बाज़ार की महंगाई हूं,
२०० में मिलती गदोलिया की वो सुंदर साड़ी हूं,
मैं मोदी वाजपेई सा प्रत्याशी हूं,
राहुल प्रियंका केजरीवाल सा दो दिन का मैं प्रवासी हूं,
हूं ट्रामा सेंटर सा जीवनदाई मैं,
हूं कवियों में चंद्रवरदाई मैं,
मैं आस्था का केंद्र हूं,
जीता जागता महेंद्र हूं,
कबीर नगर के शिक्षण का मैं रस हूं,
मैं CHS, Origence, JRS हूं,
दुर्गाकुंड के छात्रों सा आत्मविश्वासी हूं,
मैं बनारस हूं, मैं काशी हूं।
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😍वाह .....❣
जवाब देंहटाएंthank you
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